Jaipur Metro: जयपुर मेट्रो विस्तार को मिली गति, फेज-2 से बदलेगा शहर का ट्रांजिट भविष्य
-फेज-2: 42.80 किमी लंबा विस्तृत मेट्रो नेटवर्क -फेज सीतापुरा इंडस्ट्रियल एरिया, वीकेआई, जयपुर एयरपोर्ट, जयपुर रेलवे स्टेशन, गांधी नगर रेलवे स्टेशन जैसे प्रमुख स्थलों को जोड़ेगा। साथ ही एसएमएस स्टेडियम, एसएमएस हॉस्पिटल, कलेक्ट्रेट, विद्याधर नगर, अंबाबाड़ी, टोंक रोड और सीकर रोड तक निर्बाध मेट्रो कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा.
Ananya soch: Jaipur Metro
अनन्य सोच। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार पूरे प्रदेश में अत्याधुनिक और सुगम परिवहन प्रणाली स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है. इसी दिशा में जयपुर मेट्रो का विस्तार शहर की बढ़ती आबादी, यातायात दबाव और भविष्य की गतिशील जरूरतों को पूरा करने का मजबूत समाधान बनने जा रहा है. उन्होंने कहा कि मेट्रो फेज-2 शहरवासियों को बेहतर, सुरक्षित और तेज परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने के साथ जयपुर के ट्रैफिक बोझ को काफी हद तक कम करेगा.
सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित जयपुर मेट्रो विस्तार की समीक्षा बैठक में शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि फेज-2 के तहत होने वाले खर्च व लागत का विस्तृत आकलन सुनिश्चित किया जाए, ताकि वित्तीय संसाधनों का प्रभावी उपयोग हो और जनता को मजबूत ट्रांजिट सिस्टम मिल सके. उन्होंने जोर दिया कि मेट्रो स्टेशन ऐसे स्थानों पर स्थापित किए जाएं, जहां यातायात दबाव सर्वाधिक है, ताकि लोगों को त्वरित राहत मिल सके.
फेज-2: 42.80 किमी लंबा विस्तृत मेट्रो नेटवर्क
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि जयपुर मेट्रो फेज-2 की डीपीआर राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित कर केंद्र सरकार को भेज दी गई है. स्वीकृति मिलते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा.
फेज-2 की कुल लंबाई लगभग 42.80 किलोमीटर होगी, जिसमें 36 स्टेशन प्रस्तावित हैं—34 एलीवेटेड और 2 अंडरग्राउंड.
यह फेज सीतापुरा इंडस्ट्रियल एरिया, वीकेआई, जयपुर एयरपोर्ट, जयपुर रेलवे स्टेशन, गांधी नगर रेलवे स्टेशन जैसे प्रमुख स्थलों को जोड़ेगा। साथ ही एसएमएस स्टेडियम, एसएमएस हॉस्पिटल, कलेक्ट्रेट, विद्याधर नगर, अंबाबाड़ी, टोंक रोड और सीकर रोड तक निर्बाध मेट्रो कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा.
फेज-3 के संभावित रूट पर भी हुई चर्चा
बैठक में मेट्रो के फेज-3 ए, बी और सी के प्रस्तावित रूटों पर भी विस्तृत विचार-विमर्श हुआ. अधिकारियों ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से सभी फेजों की भविष्यगत उपयोगिता और संरचनात्मक आवश्यकताओं की जानकारी दी. बैठक में मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.