Padmashree P N Kaula: पुस्तकालय विज्ञान के महानायक थे पद्मश्री पी एन कौला 

Padmashree P N Kaula: पुस्तकालय विज्ञान के महानायक थे पद्मश्री पी एन कौला 

Ananya soch: Padmashree P N Kaula

अनन्य सोच। Padmashree P N Kaula: राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर के मानवीकी पीठ सभागार में आज पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विषय में सदी के महानायक पद्मश्री प्रोफेसर पी. एन. कौला का जन्म शताब्दी समारोह मनाया गया. पद्मश्री प्रो. पी. एन. कौला का पुस्तकालय विज्ञान के क्षेत्र में विशिष्ट अतुलनीय योगदान रहा है. काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, बनारस में प्रो. कौला के शिष्य रहे प्रो. एन. लक्ष्मण राव, उस्मानिया विश्वविद्यालय एवं डॉ. एस. पी. सूद, पूर्व विभागाध्यक्ष, पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान, राजस्थान विश्वविद्यालय नें अपने गुरु की याद में उनकी जन्मशती कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित करने की रूपरेखा तैयार की थी.

इस अवसर पर डॉ एस पी सूद ने कहा कि प्रोफ़ेसर कौला जितने विद्वान थे उतने ही विनम्र भी थे। वे पुस्तकालय विज्ञान के विद्यार्थियों को पुत्रवत व्यवहार करते थे. ग़रीब छात्रों की मदद भी किया करते थे. वे घंटों बिना थके बिना रुके व्याख्यान देते थे. जब वे किसी मंच या सभा में बोलना प्रारंभ करते थे तो अपनी वाकपटुता से ऐसा वातावरण बना देते थे कि श्रोता मंत्रमुग्ध रह जाते थे. उनके विचार पुस्तकालय विज्ञान में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आदर के साथ स्वीकार किए जाते थे. प्रो कौला ने राष्ट्रीय स्तर से उठकर विश्व के लगभग छत्तीस देशों में डॉ रंगनाथन के विचारों के प्रचारक के रूप में सम्मान पाया. उन्होंने कहा कि प्रोफ़ेसर कौला की पहचान एक विचारक, प्रवर्तक, संगठनकर्ता और आयोजक के रूप में थी. वे एक कुशाग्र बुद्धि व असीमित ऊर्जा संपन्न व्यक्ति थे जिनमें ज्ञान को प्राप्त करने व समझाने का विलक्षण गुण था. 

इस अवसर पर प्रो लक्ष्मण राव ने कहा कि पुस्तकालय विज्ञान में डॉ रंगनाथन के असली उत्तराधिकारी प्रो पी एन कौला ही थे. वे एक महान शिक्षक के साथ ही सच्चे पुस्तकालय विज्ञानी थे. 

डॉ पी के गुप्ता का कहना था कि पुस्तकालयों में तकनीक का उपयोगी बेहद ज़रूरी है. पुस्तकालय के दैनिक कार्यों में भी आधुनिक तकनीक का इश्तेमाल हो रहा है. तकनीक के उपयोग से मेन पॉवर की कमी को भी पूरा किया जा सकता है. 

यह कार्यक्रम पद्मश्री प्रो. पी. एन. कौला जन्म शताब्दी समारोह समिति द्वारा पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर तथा राजस्थानी मेडिकल लाइब्रेरी एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया. समारोह के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. पी. सी. त्रिवेदी, पूर्व कुलपति जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर तथा मुख्य वक्ता के रूप में जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. रोशन लाल रैना नें अपने विचार व्यक्त किये, कार्यक्रम की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष प्रो. सुनीता अग्रवाल नें की. 

इस अवसर पर मंचासीन अतिथियों द्वारा प्रो. कौला स्मृति वॉल्यूम एवं ग्रंथालय विज्ञान जर्नल (जनवरी - जून 2024) को विमोचन भी किया गया. प्रो. सी. आर करिसीदप्पा, प्रो. कौला के सुपुत्र डॉ. अनिल आदि नें प्रो. पी. एन. कौला के साथ के रहे अनुभव साझा कर प्रो. कौला की स्मृति को जीवंत कर कार्यक्रम को भाव विभोर कर दिया. 

कार्यक्रम में पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान के लगभग 150 प्रतिभागियों के रूप में अनेकों गणमान्य प्रबुद्धजन, शोधार्थी, विधार्थी, उपस्थित थे जिनमें डॉ. पवन कुमार गुप्ता, प्रो. पूर्णिमा कौशिक, दलबीर सिंह, प्रो. एम. आर. रावतानी, डॉ. भगवान दास, श्री अनिल कौला, डॉ. दौलत जोतवानी आदि उपस्थित थे. 

कार्यक्रम के सफलतापूर्वक सम्पादन में आयोजक समिति के सदस्यों के रूप में डॉ. संतोष गुप्ता, डॉ. पी. आर. मीना, डॉ. महेंद्र सिंह राव, डॉ. मिली बाजपेयी का योगदान रहा. कार्यक्रम का मंच संचालन श्रीमती दीपाली शर्मा ने किया.