RIC में आयोजित ‘Journey of Art…’ ने खोले नई समझ के आयाम

अविनाश।

RIC में आयोजित ‘Journey of Art…’ ने खोले नई समझ के आयाम

Ananya soch

अनन्य सोच। राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (RIC), जयपुर में आयोजित प्रेरणादायक art Talk showJourney of Art through the Eyes of Curator, Artist, Art Collector and Gallerist” कला प्रेमियों, विद्यार्थियों और युवा कलाकारों के लिए एक सार्थक अनुभव साबित हुई. मिनी ऑडिटोरियम–1 में आयोजित इस सत्र का उद्देश्य कला के चार प्रमुख स्तंभों—कलाकार, क्यूरेटर, आर्ट कलेक्टर और गैलेरिस्ट—की दृष्टि से कला की रचनात्मक यात्रा और उसके संवर्धन की प्रक्रिया को समझाना था. 

प्रसिद्ध कलाकार शैल चोयल ने कहा कि कला की शुरुआत बचपन से हो जाती है, परंतु अक्सर बच्चों की इस नैसर्गिक रचनात्मकता को पहचान नहीं मिल पाती. उन्होंने कलाकार और कारीगर के बीच अंतर स्पष्ट करते हुए बताया कि कलाकार भावनाओं को आकार देता है, जबकि कारीगर उपयोग और सजावट के लिए कला का सृजन करता है. 

प्रख्यात क्यूरेटर डॉ. अल्का पांडे ने क्यूरेटर की बहुआयामी भूमिका पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि क्यूरेटर न सिर्फ कला और कलाकार की पहचान करता है, बल्कि उसे सही संदर्भ देकर दर्शकों तक अर्थपूर्ण रूप में पहुंचाता है. उन्होंने मेगा शो और सोलो शो के अंतर को समझाया और यह घोषणा भी की कि The Art of India 2026 का आयोजन आगामी 12 फरवरी 2026 को RIC में होगा, जिसमें भारतीय मास्टर्स की 250 उत्कृष्ट कृतियाँ प्रदर्शित की जाएंगी. 

प्रमुख गैलेरिस्ट संगीता जुनेजा ने जयपुर की पहली आर्ट गैलरी स्थापित करने के अनुभव साझा किए. उन्होंने कहा कि कला संग्रह उनके लिए आभूषणों से अधिक मूल्यवान है. उनकी गैलरी ने भारतीय समकालीन कला को वैश्विक पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. 

RIC की क्यूरेटर निकत अंसारी ने कहा कि यह आर्ट टॉक कला जगत की संवेदनाओं, जटिलताओं और उसके व्यापक विस्तार को समझने का एक सशक्त मंच साबित हुई.