Program 'Shaping Excellence' : शुभम सोसाइटी की ओर से कार्यक्रम 'शेपिंग एक्ससीलेंस' का हुआ आयोजन

Program 'Shaping Excellence' : डॉ अनूप बरतरिया ने महिला मेंबर्स को बताया वास्तु, डिज़ाइन और आर्किटेचर की बारीकियां जो आपकी पांचों इन्द्रियों को अच्छा लगे वो मेरे लिए वहीं डिज़ाइन है - डॉ अनूप बरतरिया  

Program 'Shaping Excellence' : शुभम सोसाइटी की ओर से कार्यक्रम 'शेपिंग एक्ससीलेंस' का हुआ आयोजन

Ananya soch: Program 'Shaping Excellence' 

अनन्य सोच। Program Shaping Excellence: लोग वास्तु-शास्त्र को ग़लत दृष्टिकोण से देखते है जबकि वास्तु इंसान की सुविधा और सकारात्मकता के लिए है, ये कहना था शहर के जाने-माने आर्किटेक्चर डॉ अनूप बरतरिया (Architecture Dr. Anup Bartariya) का. Shubham Society की ओर से मंगलवार को आयोजित हुए कार्यक्रम ‘शेपिंग एक्सिलेंस’ (Program 'Shaping Excellence') के अन्तर्गत डॉ अनूप बरतरिया ने चर्चा में शिरकत की.

कार्यक्रम की शुरुआत में Shubham Society की अध्यक्ष मोनिका आर्या, सचिव प्राची अग्रवाल और बोर्ड के प्रमुख सदस्य पूजा ढढा, ज्योति जैन, राशि गड़िया, पल्लवी पाटनी, कोमल बागड़ा, राधा माहेश्वरी ने डॉ बरतरिया और उनकी पत्नी रूचि बरतरिया का स्वागत किया. 

-शहर में ख़ुशी और सकारत्मकता जोड़ता है आर्किटेक्चर - 

जवाहर सर्किल पर सफ़ेद मार्बल से बने तोरण द्वार की डॉ बरतरिया द्वारा शहर को मिली सौगात के बारे में उन्होंने बताया कि राजस्थान की संस्कृति को दर्शाता ये द्वार न सिर्फ पर्यटकों का स्वागत करेगा बल्कि जयपुर एयरपोर्ट से आने वाले सभी अतिथियों को भारत की गरिमा का परिचय भी देगा. इसकी तैयारी से जुड़े अनुभव पर उन्होंने आगे बताया कि हमारा देश अपने मेहराब की डिज़ाइन्स के लिए प्रसिद्ध है ऐसे में मुझे एयरपोर्ट से आते हुए वो खाली जगह पर ऐसा कुछ बनाने का ख्याल आया. चाहे वो पीकॉक गार्डन हो, या पत्रिका गेट मैं हमेशा अपनी डिज़ाइन्स से किसी भी जगह को खुशनुमा और सकारात्मकता बढ़ाने की सोच रखता हूं. हाल ही में मैंने कोटा को भी खूबसूरत स्वरुप दिया है जिसके अंतर्गत मैंने शहर में गीता के अध्याओं से प्रेरित स्कल्प्चर्स भी स्थापित किए है. सही मायने में डिज़ाइन वहीं है जो आपके सभी इन्द्रियों को पसंद आए साथ ही आपके मन के भावों को प्रसन्नचित कर दे.

मेरी पत्नी मेरे लिए सबसे मजबूत पिलर - 

जीवन में वास्तु की महत्वता बताते हुए डॉ बरतरिया ने साझा किया कि वास्तु का निर्माण इंसान की सुविधा के लिए किया गया था ना की डराने के लिए. आज के वास्तुकार ज्यादातर लोगों को डराते है जबकि वास्तु सिर्फ आपके चक्रों को सही तरह से सक्रीय करने में मदद करता है. जो आपको अच्छा लगे जिससे आपको सहूलियत हो वहीं सही वास्तु है. आपसे बेहतर आपके घर को कोई नहीं समझता और उसकी बनावट और रख-रखाव का पहला चुनाव आपकी पसंद के हिसाब से होना चाहिए. 

उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपनी पत्नी रूचि बतरिया को देते हुए कहा कि मेरी पत्नी मेरे लिए काफी बड़ा सहयोग है उनकी वजह से मैं पूरी तरह से फोकस करके अपने काम पर ध्यान दे सका हूं. कोई भी महिला चाहे वर्किंग वीमेन हो या हाउस-वाइफ मैं उन्हें घर की सबसे बड़ी शक्ति समझता हूं.