सीएमएल ब्लड कैंसर मरीजों के लिए नई उम्मीद बनी पर्सनलाइज्ड टारगेट दवा

Ananya soch: CML blood cancer patients
अनन्य सोच। क्रोनिक मायलोइड ल्यूकेमिया (सीएमएल) यानी ब्लड कैंसर की एक गंभीर किस्म के मरीजों के लिए अब नई दवा अस्सीमिनिब एक नई उम्मीद बनकर सामने आई है. अब तक टीकेआई दवाओं से लाखों मरीजों को लाभ मिला, लेकिन कई मामलों में इनके साइड इफेक्ट देखने को मिले। ऐसे मरीजों के लिए अस्सीमिनिब अधिक प्रभावी साबित हो रही है. यह जानकारी मुंबई से आए वरिष्ठ हेमेटोलॉजिस्ट डॉ. एम. बी. अग्रवाल ने भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल की ओर से आयोजित बीएमकॉन हेम 2025 – हीलिंग थ्रू हेमेटोलॉजी के तीसरे दिन दी.
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि पारंपरिक दवाएँ प्रोटीन के एक हिस्से पर काम करती थीं, जबकि अस्सीमिनिब उसी प्रोटीन के दूसरे हिस्से को टारगेट करती है. इससे उन मरीजों को भी लाभ मिल रहा है, जिन पर पहले की दवाएं असर नहीं करती थीं. यह उपचार मरीजों की जीवन गुणवत्ता को बेहतर बनाने और लंबे समय तक रोग को नियंत्रित रखने में सहायक होगा.
कॉन्फ्रेंस के अंतिम दिन दिल्ली के डॉ. दिनेश भूरानी ने पेपर और पोस्टर प्रेजेंटेशन का संचालन किया, जिसमें देशभर के युवा शोधकर्ताओं ने भाग लिया. मोहाली के डॉ. सुभाष वर्मा, मुंबई के डॉ. अभय भावे, दिल्ली के डॉ. मोहित चौधरी और बेंगलुरु के डॉ. मल्लिकार्जुन कलशेट्टी ने विभिन्न जटिल रोगों पर नवीन उपचारों व शोध प्रस्तुत किए.
ई-पोस्टर व ओरल प्रेजेंटेशन प्रतियोगिताओं में डॉ. सलीला, डॉ. ऐश्वर्या, डॉ. अक्षिता सक्सेना सहित कई युवा चिकित्सकों ने पुरस्कार जीते. समापन पर ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री डॉ. उपेंद्र शर्मा व टीम ने सभी प्रतिभागियों का आभार जताया.