“प्रवासी राजस्थान दिवस 2025: शिक्षा, नवाचार और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ता राजस्थान”
Ananya soch: “Pravasi Rajasthan Diwas 2025: Rajasthan moves towards education, innovation and knowledge economy”
अनन्य सोच। प्रवासी राजस्थान दिवस के तहत जेईसीसी, सीतापुरा में आयोजित शिक्षा विशेष सत्र में राज्य की उच्च, तकनीकी और स्कूल शिक्षा में हो रहे नवाचारों व भविष्य की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई. सत्र में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रवासी राजस्थानियों से आह्वान किया कि वे अपनी प्रतिभा, अनुभव और विशेषज्ञता को मातृभूमि की उन्नति से जोड़ें. उन्होंने कहा कि ज्ञान, कौशल, नवाचार और अनुसंधान आधुनिक अर्थव्यवस्था के चार प्रमुख स्तंभ हैं और राजस्थान इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है.
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में शिक्षा क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए अनेक ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं. अर्ली कैरियर प्रोग्राम टेकबी, आई-स्टार्ट कार्यक्रम का विस्तार, स्टार्टअप पॉलिसी, अटल इनोवेशन स्टूडियो, एवीजीसी-एक्सआर पॉलिसी, सेंटर फॉर एडवांस्ड स्किलिंग और स्टेट स्किल पॉलिसी जैसे निर्णय युवाओं के लिए नई संभावनाएँ खोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में 71 नए राजकीय महाविद्यालय, 21 पॉलिटेक्निक कॉलेज और 177 कॉलेज भवनों का लोकार्पण राज्य की मजबूत होती शिक्षा ढांचे का प्रमाण है। स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल लाइब्रेरी, विज्ञान-गणित किट, एवं सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीनों जैसे नवाचार स्कूल शिक्षा को नई दिशा दे रहे हैं.
सत्र की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय वन व पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति विद्यार्थियों को ‘प्रोडक्ट’ नहीं, बल्कि पूर्ण व्यक्तित्व के रूप में विकसित करने पर जोर देती है. राजस्थान ने चरित्र निर्माण और मानवीय मूल्यों को शिक्षा का मूल आधार बनाया है.
उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने बताया कि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से क्रांतिकारी बदलाव हो रहे हैं, वहीं शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने प्रवासी भामाशाहों से शिक्षा में निवेश करने की अपील करते हुए कहा कि “शिक्षा में निवेश—देश के भविष्य में निवेश है.”
सत्र में अतिरिक्त मुख्य सचिव कुलदीप रांका ने ‘मुख्यमंत्री शिक्षित राजस्थान अभियान’, ‘प्रखर राजस्थान’, बहुभाषी शिक्षा, एआई-आधारित सीखने के उपकरण, शाला स्वास्थ्य परीक्षण और कौशल आधारित शिक्षा से जुड़े नवाचारों की प्रस्तुति दी. शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने मानसून से क्षतिग्रस्त स्कूल भवनों के पुनर्निर्माण के लिए प्रवासी भामाशाहों से सहयोग की अपील की.
पैनल चर्चा में एमिटी यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. असीम चौहान, फिजिक्सवाला के सह-संस्थापक प्रतीक माहेश्वरी, IIT जोधपुर के निदेशक डॉ. अविनाश अग्रवाल, बिट्स पिलानी के प्रो. वी. रामगोपाल राव, IIM उदयपुर के निदेशक अशोक बनर्जी और उद्योगपति आनंद राठी ने शिक्षा में नवाचार, डिजिटल लर्निंग, स्टार्टअप संस्कृति और स्किल डेवलपमेंट पर महत्वपूर्ण विचार रखे.
सत्र का सार स्पष्ट रहा—आज राजस्थान ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है और प्रवासी राजस्थानियों की भूमिका इस परिवर्तन को और शक्ति प्रदान करेगी।