“प्रवासी राजस्थान दिवस 2025: हेल्थ एवं वेलनेस कैपिटल बनने की दिशा में बड़ा कदम”

“प्रवासी राजस्थान दिवस 2025: हेल्थ एवं वेलनेस कैपिटल बनने की दिशा में बड़ा कदम”

Ananya soch: “Pravasi Rajasthan Diwas 2025: A Big Step Towards Becoming the Health and Wellness Capital of Rajasthan”
अनन्य सोच।  प्रवासी राजस्थान दिवस समारोह के अंतर्गत जेईसीसी में आयोजित चिकित्सा विशेष सत्र में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ होते ढांचे और भविष्य की संभावनाओं पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि राजस्थान में हेल्थ एवं वेलनेस कैपिटल बनने की अपार क्षमता है, और राज्य सरकार के साथ प्रवासी राजस्थानियों का सहयोग इस लक्ष्य को शीघ्र साकार कर सकता है। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, मेडिकल टूरिज्म, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, वन हेल्थ रिसर्च सेंटर, फार्मा–मेडिकल डिवाइस निर्माण तथा एआई आधारित हेल्थकेयर में निवेश के व्यापक अवसर उपलब्ध हैं. 

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों के विस्तार पर लगातार कार्य हो रहा है। पिछले दो वर्षों में 7 नए मेडिकल कॉलेज शुरू हुए हैं और 15 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना प्रक्रिया में है. इसी अवधि में लगभग 2200 नई मेडिकल सीटें बढ़ाई गईं, जिससे चिकित्सा शिक्षा का दायरा और अधिक विस्तृत हुआ है। उन्होंने मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत 25 लाख रुपये तक कैशलेस इलाज की सुविधा, नि:शुल्क दवा व जांच योजनाओं, सोनोग्राफी सुविधा और गंभीर बीमारियों की मुफ्त दवाओं को राज्य की मजबूत स्वास्थ्य सुरक्षा का आधार बताया. 

चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि राजस्थान का स्वास्थ्य मॉडल यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज की दिशा में पूरे देश में मिसाल पेश कर रहा है। स्वास्थ्य बजट में वृद्धि, आयुष्मान आरोग्य मंदिर और निजी निवेश को बढ़ावा देने वाली हील इन राजस्थान नीति राज्य को मेडिकल टूरिज्म का नया केंद्र बना रही है. उन्होंने बताया कि 35 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी की गई है और जयपुर में एम्स की तर्ज पर रिम्स की स्थापना की जा रही है. 

सामाजिक न्याय मंत्री अविनाश गहलोत ने स्वास्थ्य को सामाजिक न्याय का मूल अधिकार बताते हुए कहा कि निवेश और नवाचार के माध्यम से राजस्थान तेजी से राष्ट्रीय हेल्थ हब के रूप में उभर रहा है. महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री डॉ. मंजू बाघमार ने मातृ-शिशु स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए एनीमिया, कुपोषण, नवजात देखभाल और एचपीवी वैक्सीनेशन में हुई प्रगति पर चर्चा की। उन्होंने प्रवासी राजस्थानियों से महिला स्वास्थ्य और डिजिटल मॉनिटरिंग अभियानों में सहयोग का आग्रह किया. 

प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया कि राजस्थान 6.38 करोड़ से अधिक आभा आईडी, ई-संजीवनी, आईएचएमएस और डिजिटल हेल्थ प्लेटफॉर्म के साथ एक आधुनिक और पेशेंट सेंट्रिक मॉडल की ओर बढ़ रहा है। आगामी वर्षों में एआई स्क्रीनिंग, रिमोट केयर और मेडिकल कॉलेजों को एक्सीलेंस सेंटर बनाने पर काम किया जाएगा. 

सत्र में चिकित्सा विशेषज्ञों, उद्योगजगत के प्रतिनिधियों और प्रवासी राजस्थानियों ने हेल्थ इनोवेशन, मेडिकल टेक्नोलॉजी और सतत विकास लक्ष्यों को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव दिए। कार्यक्रम में मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास, वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में प्रवासी राजस्थानी उपस्थित रहे।