book Maun, A Meeting with Silence: पुस्तक मौन, ए मीटिंग विद साइलेंस का विमोचन 

book Maun, A Meeting with Silence: जीवन के हर रहस्य को करेगी उजागर : डॉ.निर्मला सेवानी

book Maun, A Meeting with Silence: पुस्तक मौन, ए मीटिंग विद साइलेंस का विमोचन 

Ananya soch: book Maun, A Meeting with Silence

अनन्य सोच। book Maun, A Meeting with Silence: यज्ञ आचार्य एवं मेडिटेशन एक्सपर्ट डॉ.निर्मला सेवानी व एनी मिलर लिखित पुस्तक मौन, ए मीटिंग विद साइलेंस (book Maun, A Meeting with Silence) का विमोचन  यहां रामबाग पैलेस के सामने स्थित पाणिग्रह परिसर में  हुआ. समारोह में लेखिका डॉ.निर्मला सेवानी ने इस पुस्तक में लिखी चुनिंदा कविताओं का पाठ किया। मौन है तब कहानी तेरी मेरी एनी की..., कलम चली शब्द परे मौन पर एनी का कर्म...जैसी कविताओं को सराहा गया. उन्होंने कहा कि यह पुस्तक जीवन के हर रहस्यों को उजागर करेंगी.

यजुर्वेद में डॉक्टरेट उपाधि प्राप्त डॉ.निर्मला सेवानी ने कहा कि उन्होंने छोटी-छोटी कहानियों में यज्ञ विधा, बीज मंत्र से लेकर मंत्र विस्तार, जीवन दर्शन, मेडिटेशन व  वास्तु विधा समेत समसामयिक संदर्भों को सूक्षमता से समावेश किया है. इसके अलावा वाइब्रेशन की दुनिया और भारतीय वैदिक ज्योतिष के अनेक अनुत्तरित सवालों के जवाब भी हैं जो पाठकों की जिज्ञासाओं का मार्गप्रशस्त करेंगे. इनमें जीवन के रहस्यों को उजागर करने का पुरजोर प्रयास किया गया है. उन्होंने बताया कि हे हाउस इंडिया पब्लिशर्स की इस पुस्तक के एडिटर आदित्य जड़ियाल हैं. इसमें 304 पेज हैं और कुल 23 अध्याय हैं. रिटायर्ड आईएएस अपर्णा सहाय ने कहा कि इस पुस्तक में पाठक के जीवन से  जुड़े हर जिज्ञासु सवालों का सटीक जवाब है जो बेहद जरूरी हैं. 

इनकी रही मौजूदगी

विमोचन समारोह में बक्सन ग्रुप के सीईओ डॉ. सत्येन्द्र सिंह बख्शी, फर्स्ट इंडिया न्यूज के सीईओ पवन  अरोड़ा और रिटायर्ड आईएएस अपर्णा सहाय मौजूद मौजूद रहीं. इसके अलावा नामी फोटो आर्टिस्ट सुधीर कासलीवाल समेत शहर के कई गणमान्य लोग मौजूद रहे. 

-6 साल का अथक प्रयास

इंग्लैंड में जन्मी लेखिका एनी मिलर ने अपने 6 साल के अथक प्रयास से इस पुस्तक की विषयवस्तु को बारीकी से लिखा है. वहीं डॉ.निर्मला सेवानी ने विचारों को कथात्मक रूप दिया है. 

वाइब्रेशन थ्रू ट्रेवल करते हैं थॉट्स

मंत्रों के विस्तार से मेडिटेशन कराने वाली  विदुषी विशेषज्ञ डॉ.निर्मला सेवानी ने कहा कि वाइब्रेशन में किसी व्यक्ति के विचार उसके जीवित नहीं रहने पर भी जिन्दा रहते हैं. यह विचार वाइबे्रशन  थ्रू ट्रेवल करते हैं जो किसी दूसरे व्यक्ति के मुख से उच्चारित होते हैं. अंत में उन्होंने कविता मुझमें जीती हुई भाषा प्रीत की, मुझे अलौकिक अहसास है कि मैं उतनी पूर्ण हूं तुमसे, जितनी मां शक्ति शिव से, मीरां कृष्ण से, नदियां पानी से, तितलियां पुष्प  पराग से...सुनाकर कार्यक्रम को विराम दिया.