Jaigarh Heritage Festival 2025: दूसरे दिन सांस्कृतिक रंगों और विरासत संवादों का शानदार समागम
Ananya soch: Jaigarh Heritage Festival 2025
अनन्य सोच। Jaigarh Heritage Festival 2025 के दूसरे और अंतिम दिन का आगाज इतिहास, कला, संगीत और ज्ञानवर्धक चर्चाओं के बीच हुआ। पहले दिन की सफलता को आगे बढ़ाते हुए, दूसरे दिन ने भी विरासत-प्रेमियों, कलाकारों व आगंतुकों का उत्साह बनाए रखा.
दिन की शुरुआत पंडित मोहन श्याम शर्मा की मधुर प्रस्तुति से हुई, जिसने वातावरण को शांत और सृजनात्मक बनाया. इसके बाद डॉ. गाइल्स टिलॉटसन और डॉ. मृणालिनी वेंकटेस्वरन ने जयपुर की कलात्मक विरासत पर सार्थक संवाद करते हुए दर्शकों को इतिहास के नए आयामों से परिचित कराया.
दोपहर में राजस्थान और उपमहाद्वीप: राजनीति, राज्यव्यवस्था और युद्धकला पर आयोजित सत्र में डॉ. रीमा हूजा, डॉ. जिज्ञासा मीणा व डॉ. पंकज झा ने महत्वपूर्ण ऐतिहासिक व राजनीतिक दृष्टिकोण साझा किए. इसी दौरान चुग्गे खान की खड़ताल कार्यशाला और शहज़ाद व सक़ील खान की लोक-संगीत प्रस्तुतियों ने लोगों को राजस्थान की संगीत परंपरा में डुबो दिया. दिव्यम × ख़्वाब और सौमिक दत्ता की प्रस्तुतियों ने समकालीन कला को नई पहचान दी.
वेदांता द्वारा प्रस्तुत कारीगर केंद्रित सत्रों—कारीगर पैचवर्क, दरिया देवी, स्ट्रीट प्ले, इंडियन क्लासिकल म्यूजिक परिचय और अर्बन स्केचर्स—ने पारंपरिक शिल्पकला को रचनात्मक मंच प्रदान किया.
शाम को संजॉय के. रॉय और अरुंधति नाथ के सत्र के बाद रॉयस्टन एबेल की मंगनियार सेडक्शन एवं प्रिन्सली स्टेट्स डब ऑर्केस्ट्रा की ऊर्जावान प्रस्तुतियों ने समापन को अविस्मरणीय बना दिया. शिल्प बाजार, फूड गली और हेरिटेज वॉक ने पूरे दिन के अनुभव को और भी जीवंत किया.
दूसरे दिन का समापन राजस्थान की जीवित विरासत, कला और समुदाय के सुंदर संगम के रूप में यादगार रहा.