Srikanth movie press conference: अभिनेता राजकुमार राव ने कहा; आपको अपने पूरे कैरियर में ऐसी एक -दो फ़िल्में ही मिलती है जिनका किरदार निभाकर आप गर्व महसूस कर सकते

Srikanth movie press conference: अभिनेता राजकुमार राव ने कहा; आपको अपने पूरे कैरियर में ऐसी एक -दो फ़िल्में ही मिलती है जिनका किरदार निभाकर आप गर्व महसूस कर सकते

Avinash parasar

Ananya soch: Srikanth movie press conference

अनन्य सोच। Srikanth movie press conference: अभिनेता राजकुमार राव (Actor Rajkumar Rao) का कहना है कि “आपको अपने पूरे कैरियर में ऐसी एक -दो फ़िल्में ही मिलती है जिनका किरदार निभाकर आप गर्व महसूस कर सकते हैं. ऐसे किरदार आपका जीवन बदल सकते हैं. मेरी नई फ़िल्म “श्रीकान्त” भी ऐसे ही एक महान व्यक्ति की कहानी है जिन्होंने तमाम विपरीत हालातों के बावजूद हार नहीं मानी और अपने साहस व संघर्ष के दम पर न केवल कामयाबी हासिल की, साथ ही दुनिया को एक नई राह भी दिखाई. वे शुक्रवार को जयपुर में फ़िल्म “श्रीकान्त” के प्रमोशन के दौरान मीडिया से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत व दृढ़ संकल्प से ही कोई मंज़िल हासिल होती है और इसे आन्ध्रप्रदेश के श्रीकान्त बोला ने सच कर दिखाया. उन्होंने अपनी लगन के बलबूते न सिर्फ ख़ुद का बिज़नेस खड़ा किया बल्कि उसे काफ़ी ऊँचाइयों तक पहुँचाया भी. आज उनकी कहानी से कई लोग मोटिवेट होते हैं। श्रीकान्त जन्म से ही दृष्टिबाधित हैं.

लीक से हटकर बने चरित्र निभाने की बात पर उन्होंने कहा कि उनमें अभी भी चुनौतीपूर्ण भूमिकाओं की भूख है. “मैं वास्तव में कोई योजना नहीं बनाता। मैं उस समय जो भी किरदार या फिल्म कर रहा होता हूं, वह मेरा ड्रीम रोल बन जाता है. मैं केवल उस किरदार और कहानी पर ध्यान केंद्रित करता हूं. मुझे यकीन है कि मेरे आगे और भी बहुत कुछ है. 

 उन्होंने कहा कि जैसे, दो-तीन साल पहले मुझे नहीं पता था कि मैं 'श्रीकांत' कर पाऊंगा, लेकिन ऐसा हुआ। एक अभिनेता के रूप में मेरे अंदर और अधिक भूख है, और अधिक आग है। ऐसा ही आगे भी होगा। इसी तरह से कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण किरदार।" जब राव से पूछा गया कि क्या वह एक्शन फिल्म या पॉटबॉयलर फिल्म करना चाहेंगे तो उन्होंने कहा कि उनकी ऐसी कोई इच्छा नहीं है। उनके द्वारा निभाए गए वास्तविक जीवन के चरित्र के प्रति उनका "कर्तव्य" है। स्क्रीन पर।

"श्रीकांत" में, मैंने ऐसे उद्योगपति की भूमिका निभाई है, जिन्होंने दृष्टिबाधित होने के बावजूद अपने सपनों को पूरा किया और अंततः बोलैंट इंडस्ट्रीज की स्थापना की। 

 फिल्म के दौरान एक इंटरव्यू में जब राजकुमार राव से एक पत्रकार ने कहा कि उन्होंने सुना है कि फिल्म 'श्रीकांत' के लिए राजकुमार को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल सकता है। तो ऐसे में अभिनेता ने कहा, ''आपके मुंह में घी शक्कर, आ जाए तो अच्छा ही है।'' इसके बाद राव ने कहा कि अगर वाकई में उन्हें इस फिल्म के नेशनल अवॉर्ड मिल जाता है तो वह एक शानदार पार्टी देंगे फिर सबके लिए। 

फ़िल्म की कहानी के बारे में उन्होंने बताया कि श्रीकांत का जन्म 1992 में आंध्र प्रदेश के एक किसान परिवार में हुआ. वो जन्म से ही दृष्टिबाधित थे. उनके माता-पिता को लोगों ने राय दी कि वे उन्हें किसी अनाथालय में छोड़ आएं. लेकिन उनके माता पिता ने हमेशा उनका साथ दिया. उनके टीचर्स और साथियों ने काफी नजरअंदाज किया. स्कूल में उन्हें सबसे पीछे बैठाया जाता था. लेकिन श्रीकांत में भी हमेशा से कुछ अलग करने की चाह थी. इसी चाह ने उन्हें जन्म से दृष्टिबाधित होने के बावजूद आज करोडों रुपये के बिजनेस का मालिक बना दिया.

श्रीकांत साइंस पढ़ना चाहते थे, लेकिन इसके लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा. जैसे-तैसे करके उन्होंने साइंस में पढ़ाई की. वो पढ़ने में काफी तेज थे. 12वीं के बोर्ड में उनके 98 प्रतिशत नंबर आए. उनके रिजल्ट को देखकर सब हैरान रह गए. इसके बाद उन्होंने आई आई टी की तैयारी शुरू की. इस दौरान कोचिंग सेंटर ने उनका एडमिशन लेने से मना कर दिया. लेकिन इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी. सही मार्गदर्शन न मिलने की वजह से वो आई आई टी तो नहीं जा पाए लेकिन आज आई आई टी के स्टूडेंट्स उनको अपना आइडियल मानते हैं.

आई आई टी में एडमिशन नहीं मिलने पर श्रीकांत ने अमेरिका के टॉप टेक्नोलॉजी स्कूल MIT के लिए अप्लाई किया और वे नेत्रहीन सिलेक्ट होने वाले पहले अंतर्राष्ट्रीय स्टूडेंट बन गए. पढ़ाई पूरी करने के बाद वे चाहते तो वहीं रहकर आराम का जीवन जीते. लेकिन उन्होंने वापस भारत आने का फैसला किया और यहां आकर अपनी 9 साल पहले अपनी कंपनी बोलेंट इंडस्ट्रीज की शुरुआत की.

इस फिल्म में उनके साथ ज्योतिका, अलाया एफ, शरद केलकर और जमील खान ने भी ख़ास भूमिकाएँ निभाई है। तुषार हीरानंदानी द्वारा निर्देशित यह फिल्म 10 मई को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।