अनन्य सोच की गणेश चतुर्थी पर अनोखी पेशकश.. गणेश जी की सात ज्ञानवर्धक कहानियाँ जीवन को सही दिशा दिखाने की देंगी अमूल्य शिक्षाएँ

जीवन को सही दिशा दिखाने वाली अमूल्य शिक्षाएँ

अनन्य सोच की गणेश चतुर्थी पर अनोखी पेशकश.. गणेश जी की सात ज्ञानवर्धक कहानियाँ  जीवन को सही दिशा दिखाने की देंगी अमूल्य शिक्षाएँ

 Ananya soch: Ananya Soch's article on Ganesh Chaturthis

अनन्य सोच। seven informative stories of Ganesh ji: 

1. माता-पिता ही सच्चा संसार

एक बार भगवान शिव और पार्वती ने गणेश जी और कार्तिकेय से कहा कि वे दोनों पूरे संसार का चक्कर लगाएं. जो पहले लौटकर आएगा, वही सबसे ज्ञानी कहलाएगा. कार्तिकेय तुरंत अपने वाहन पर निकल पड़े. लेकिन गणेश जी ने माता-पिता की परिक्रमा कर ली और कहा – “माता-पिता ही मेरे लिए पूरा संसार हैं.”
सीख – माता-पिता का आदर सबसे बड़ा ज्ञान है. 


2. महाभारत के लेखक गणेश

महर्षि वेदव्यास जब महाभारत लिखवाना चाहते थे, तो गणेश जी ने शर्त रखी कि वे तभी लिखेंगे जब व्यास बिना रुके बोलते रहेंगे. व्यास जी ने भी शर्त रखी कि गणेश जी हर श्लोक का अर्थ समझकर ही लिखेंगे. इसी से महाभारत अद्वितीय ग्रंथ बन सका. 
सीख – असली ज्ञान केवल लिखने-पढ़ने में नहीं, बल्कि समझने में है. 


3. छोटे वाहन का बड़ा महत्व

देवता एक बार अपने-अपने वाहनों का घमंड करने लगे. गणेश जी का वाहन चूहा देखकर सब हँसे। तब गणेश जी ने बताया कि सामर्थ्य वाहन के आकार से नहीं, सही उपयोग से मापी जाती है. चूहा छोटे से बिल में जाकर कठिनाई दूर कर सकता है, जो बड़ा वाहन नहीं कर पाता।
सीख – छोटा व्यक्ति भी सही बुद्धि से महान कार्य कर सकता है. 


4. चाँद और गणेश जी

भाद्रपद की चतुर्थी पर गणेश जी ने खूब लड्डू खाए. चलते समय वे गिर पड़े और उनका पेट फट गया. चाँद ने यह देखकर हँसी उड़ाई. गणेश जी ने क्रोधित होकर उसे शाप दिया कि आज से जो भी चतुर्थी को चाँद देखेगा, वह कलंकित होगा. बाद में चंद्रमा ने क्षमा माँगी, तब शाप का प्रभाव केवल आंशिक रह गया. 
सीख – दूसरों की कमजोरी पर हँसना नहीं चाहिए. 


5. गणेश जी और गजमुखासुर

गजमुख नामक राक्षस ने घोर तपस्या कर वरदान पाया और अत्याचार शुरू कर दिए. देवताओं ने गणेश जी से मदद माँगी. गणेश जी ने अपनी बुद्धि और शक्ति से उसे पराजित कर अपने वाहन चूहे के रूप में बदल दिया. 
सीख – बुद्धि और संयम से हर कठिनाई पर विजय पाई जा सकती है. 


6. अनजाने में भी भलाई

एक बार गणेश जी की मूर्ति बन रही थी. मूर्तिकार ने गलती से मूर्ति में हल्की दरार छोड़ दी. लोगों ने इसे दोष समझा, लेकिन उसी जगह से गंगा जल टपकने लगा और भक्तों का कल्याण हुआ. 
सीख – कभी-कभी हमारी छोटी गलतियाँ भी बड़े भले का कारण बन सकती हैं. 


7. पहला पूज्य देवता

एक बार देवताओं ने निर्णय लिया कि जो भी देव सबसे पहले पूजे जाने योग्य होगा, वही पूजा का अधिकारी बनेगा. सभी देवता अपनी शक्ति दिखाने लगे, लेकिन गणेश जी ने केवल अपनी विनम्रता, सरलता और माता-पिता के सम्मान से सबका हृदय जीत लिया. तभी से वे "सिद्धि विनायक" और "विघ्नहर्ता" कहलाए. 
सीख – सच्ची महानता शक्ति से नहीं, विनम्रता और कर्तव्य से मिलती है।

निष्कर्ष

गणेश जी की ये सात कहानियाँ हमें सिखाती हैं कि –

  • माता-पिता का सम्मान सर्वोपरि है,

  • समझ ही असली ज्ञान है,

  • छोटे से छोटा व्यक्ति भी बड़ा काम कर सकता है,

  • दूसरों पर हँसना नहीं चाहिए,

  • धैर्य और बुद्धि से हर संकट पर विजय मिलती है,

  • अनजाने में भी अच्छे कर्म संभव हैं,

  • और विनम्रता ही सच्ची महानता है. 

गणेश जी केवल “विघ्नहर्ता” ही नहीं, बल्कि जीवन जीने का मार्ग दिखाने वाले “ज्ञानदाता” भी हैं। उनकी ये कथाएँ हर उम्र और हर समय में प्रेरणा देती हैं.