जवाहर लाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी ने वितरित किए पुरस्कार  

— बाल साहित्य लेखकों को प्रोत्साहन — सांस्कृतिक गतिविधियों में बच्चों की भागीदारी बढ़ाने का प्रयास — बाल साहित्य मनीषी पुरस्कार समेत 12 पुरस्कार वितरित — 60 पुस्तकों का लोकार्पण — गुरुवार सुबह 11 बजे लंगा-मांगणियार बच्चों की गायन प्रस्तुति

अनन्य सोच, जयपुर। पंडित जवाहर लाल नेहरू बाल ​साहित्य अकादमी, राजस्थान की ओर से जवाहर कला केन्द्र के रंगायन सभागार में आयोजित 'जवाहर बाल साहित्य महोत्सव' का बुधवार को दूसरा दिन रहा। अकादमी के इस पहले सम्मान व पुरस्कार समारोह का भव्य आयोजन हुआ। कार्यक्रम के आरम्भ में अकादमी अध्यक्ष इकराम राजस्थानी, मुख्य अतिथि रमेश बोराणा, उपाध्यक्ष, राजस्थान राज्य मेला प्राधिकरण, रमेश तैलंग, वरिष्ठ बाल साहित्यकार, मुम्बई, फारूक आफरीदी वरिष्ठ साहित्यकार एवं मुख्यमंत्री के ओएसडी, मुकेश भारद्वाज सहित अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित किया। कार्यक्रम का आरम्भ राजस्थान नेत्रहीन उच्च मा​ध्यमिक विद्यालय के दिव्य दृष्टि विद्यार्थियों की दिलकश और सुरीली आवाज से हुआ। इस अवसर पर दिव्य दृष्टि बालिका फाल्गुनी, डिंपल, चंचल, आकांक्षा, अदिति, इशा ने देशभक्ति के तरानों के साथ राजस्थानी लोक गीत, भजन और कविताएं भी पेश की। इनका तबले पर बालक नीरज ने साथ दिया और हारमोनियम पर साथ दिया आई सी श्रीवास्तव ने। 

अकादमी के अध्यक्ष इकराम राजस्थानी ने पं. जवाहर लाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि देशभर में बाल साहित्य को समर्पित यह पहली अकादमी है। बच्चों से जुड़े साहित्य के संरक्षण व संवर्धन के लिए अकादमी प्रयासरत है। मुख्य अतिथि रमेश बोराणा ने कहा कि राजस्थान की बाल साहित्य अकादमी पं. नेहरू के विचारों को साकार करने में जुटी है अकादमी ने अल्प समय में अपनी बड़ी पहचान बनायी है। राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर के अध्यक्ष डॉ. दुलाराम सहारण ने कहा कि आज यह अकादमी जिन मानदंडों को निर्धारित करेगी वे आने वाले समय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होंगे। फारूक आफरीदी ने कहा अकादमी लगातार आगे बढ रही है। 

माधुरी शास्त्री को बाल साहित्य मनीषी अवॉर्ड

इस अवसर पर सर्वप्रथम वयोवृद्ध साहित्यकार 85 वर्षीय माधुरी शास्त्री को "बाल साहित्य मनीषी" की उपाधि से सम्मानित किया गया। वहीं दिल्ली के डॉ. संजीव कुमार को 'जवाहर बाल साहित्य सृजन एवं प्रेरणा' पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सम्मान देने वालों में अकादमी के सभी सदस्यों ने भी भागीदारी निर्वाहित की।
       
11 साहित्यकारों को 11 हजार रु का नकद पुरस्कार

अकादमी ने 11 साहित्यकारों को बाल साहित्य से जुड़ी चयनित पुस्तकों के लिए विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया। इनमें गोविन्द भारद्वाज, आशा शर्मा, डॉ. सतीश कुमार, एस. भाग्यम शर्मा, सुनील गज्जाणी, रघुराज कर्मयोगी, मोईनुद्दीन कोहरी 'नाचीज', डॉ. संदेश त्यागी, जय सिंह आशावत, उषा सोमानी, दीनदयाल शर्मा के नाम शामिल हैं। प्रत्येक पुरस्कृत लेखक को 11 हजार रू. नकद, शाल, प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। कार्यक्रम में उषा सोमानी की 'फूलने का जादू', ज़ेबा रशीद की 'मेरी साथी बाल कहानियां' समेत 60 पुस्तकों का लोकार्पण किया गया। अकादमी ने सभी 60 लेखकों को इस मौके पर विशेष रूप से सम्मानित भी किया। अकादमी ने वे पुस्तकें छापी हैं जिनकी पांडुलिपियां अकादमी को भेजी गयी थी। कार्यक्रम का संचालन अकादमी सचिव राजेन्द्र मोहन शर्मा ने किया। समारोह में देशभर के लगभग चार सौ बाल साहित्यकारों ने भाग लिया।

गौरतलब है कि जवाहर बाल साहित्य महोत्सव के आखिरी दिन गुरुवार को सुबह 11 बजे से जवाहर कला केन्द्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा। इसके तहत जैसलमेर के लंगा-मांगणियार बच्चों की गायन प्रस्तुति होंगी, साथ ही बाल ​साहित्य पर विमर्श सत्र का आयोजन होगा।