युवा चितेरों ने रंगों से लिखी कल्पनाओं और हकीकत की कहानियां

कला गुरू पद्मश्री रामगोपाल विजयवर्गीय की इक्कीसवीं पुण्य तिथि पर हुआ आयोजन विजेताओं को दिए कई नकद पुरस्कार

युवा चितेरों ने रंगों से लिखी कल्पनाओं और हकीकत की कहानियां

Ananya soch

अनन्य सोच। जलमहल की खूबसूरत वादियों के बीच रामगोपाल विजयवर्गीय म्यूजियम में शनिवार को कैनवास पर सजी रंगों की स्वप्निल दुनिया ने कला प्रेमियों को अपने मोहपाश में बांध लिया. मौका था पद्मश्री राम गोपाल विजयवर्गीय की 21वीं पुण्यतिथि पर आयोजित चार दिवसीय कला शिविर के समापन का. इस मौके पर कलाकारों ने कैनवास को अपनी कल्पनाओं से कुछ ऐसा रंगा की आगंतुक उनमें कहानियां ढूंढते नज़र आये.

म्यूजियम परिसर में प्रवेश करते ही एक कैनवास पर जाकर नजर रुक जाती है जिसमें स्वयं राम गोपाल वर्मा चिंतन मुद्रा में बैठे नजर आए. उस पेंटिंग को देखकर ऐसा लगा कि मानो वो आज के इस शिविर का निरीक्षण कर रहे हैं. समापन समारोह में आए खास मेहमानों का कहना था कि सभी कलाकारों ने कैनवास पर रंगों से कुछ अनूठा बनाने का सुंदर प्रयास किया.

म्यूजियम ट्रस्ट के अध्यक्ष कमल विजयवर्गीय ने बताया कि रामगोपाल विजयवर्गीय म्यूजियम शहर में बरसों से चित्रकला और मूर्तिकला के विविध रूपों के संरक्षण, संवर्धन, प्रचार और प्रसार के कार्य में संलग्न. ये आयोजन इस कड़ी का है और हर साल 1 से 4 मई के बीच किया जाता है.

-इन कलाकारों को दिए नकद पुरस्कार

इस मौके पर प्रदेश के जाने-माने साहित्यकार नंद भारद्वाज, कृष्ण कल्पित, राजेन्द्र मोहन शर्मा, कविता मुखर, विनोद भारद्वाज, कुंवर नरेन्द्र सिंह, ट्रस्ट के अध्यक्ष कमल विजयवर्गीय ने चयन समिति द्वारा चयनित कृतियों के चितेरों को नकद इनामों से नवाजा. प्रथम स्थान पर रही बिंदु कुमारी को 10 हज़ार, दूसरे स्थान पर रहे वसीम खान  को साढ़े सात हज़ार, तीसरे स्थान पर रहे मुकेश कुमार की कृति को 5 हज़ार रूपए और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। कोमल जांगिड़, विपुल दाधीच और प्रतिमा की कृतियों को प्रोत्साहन अवार्ड से नवाज़ा गया। कार्यक्रम का संचालन और संयोजन साहित्यकार प्रबोध कुमार गोविल ने किया। सरोज शर्मा ने आभार व्यक्त किया.

-ऐसी थी कैनवास पर रंगों की अभिव्यक्ति

राजस्थान यूनिवर्सिटी की छात्राएं नंदिनी और इशिता रंगों से अपनी कल्पनाओं को पंख देने में तल्लीन रही. कोई पॉवर की कहानी कह रहे हैं तो कोई खूबसूरत संसार को रचने में लगे.

वर्ली आर्ट के जरिये राजस्थान यूनिवर्सिटी की छात्रा स्वीनी ने  एक खूबसूरत पेंटिंग बनाई. 

निम्स यूनिवर्सिटी के छात्र अमित शर्मा ने कुछ नये अंदाज में अपनी पेंटिंग बनाई। उनकी कल्पनाओं ने जानवरों को मशीनी रूप में दिखाने की खूबसूरत कोशिश की. 

जयपुर में रहने वाले पूर्णिमा यूनिवर्सिटी के छात्र यश ने  ग्रामीण परिवेश को अपने कैनवास पर बड़े खूबसूरत अंदाज में उतारा. उन्होंने कहा जो देखता हूं ,महसूस करता हूं वही कैनवास पर उतार देता हूं. 

सभी प्रतिभागी जीत-हार से परे अपनी कला के साथ बहुत खुश नजर आ रहे थे. 
प्रतिभागियों ने कहा इस प्रतियोगिता से बहुत कुछ सीखने को मिलता है और आगे के लिए मार्गदर्शन भी.