भगवान गणेश, राधा-कृष्ण के स्केच में झलकी आस्था, मॉन्यूमेंट्स से यात्रा का अनुभव

भगवान गणेश, राधा-कृष्ण के स्केच में झलकी आस्था, मॉन्यूमेंट्स से यात्रा का अनुभव

Ananya soch

अनन्य सोच। 'रचनात्मकता उम्र की सीमाओं से परे है, जरूरत है तो दृढ़ इच्छाशक्ति की. ' 77 वर्षीय प्रताप कुमार भाटिया के जीवन पर यह पंक्तियां पूरी तरह चरितार्थ होती है. भाटिया की ओर से जवाहर कला केन्द्र की सुरेख कला दीर्घा में द्वितीय तीन दिवसीय स्केच प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है. शुक्रवार को पद्मश्री तिलक गिताई, सिक्किम हाईकोर्ट के रिटा. चीफ जस्टिस एन.के. जैन व अन्य कला प्रेमियों की उपस्थिति में प्रदर्शनी का उद्घाटन हुआ.

प्रदर्शनी में 100 से अधिक पेंसिल स्कैच प्रदर्शित किए गए हैं. भगवान गणेश, श्रीनाथ जी और राधा-कृष्ण के स्केच कलेक्शन आध्यात्म से जोड़ते है  ह्यूमन मूड क्लेकशन में रुदन, हास्य, भय, विभत्स और आश्चर्य के भावों को अभिव्यक्त करते चेहरों के स्केच दिखाए गए हैं. किचन वेयर में रोजमर्रा के सामान के जीवंत स्केच तैयार किए गए है. प्रदर्शनी में लगाए गए पृथ्वीराज चौहान, बराक ओबामा, डॉ. भीमराव अंबेडकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल, सुंदर पिचई, डॉनाल्ड ट्रंप, मिर्जा गालिब आदि विश्व के प्रमुख हस्तियों के स्कैच मानों आगंतुकों से बात कर रहे हैं। इतना ही नहीं राजस्थान व भारत की स्थापत्य के बेजोड़ नमूनों जैसे जूनागढ़, जैसलमेर, ताजमहल, लोटस टेंपल आदि के स्केच भी यात्रा का जीवंत अनुभव कराते है.