स्टोन कलर को पीसना ही काफी नहीं होता, पीसने के बाद उसे छानने और नितारने में कलाकार का दक्ष होना जरूरी - रामदेव ब्रदर्स

Ananya soch
अनन्य सोच। जवाहर कला केन्द्र में चल रहे 18 दिवसीय ‘रंगरीत कला महोत्सव’ के तहत बुधवार का दिन रंगों की रीति समझने और समझाने के नाम रहा. इस मौके पर जाने-माने चित्रकार गोविन्द रामदेव और वैदिक चित्रकार रामूू रामदेव ने वहां मौजूद युवा कलाकारों और कला प्रेमियों के समक्ष पारंपरिक रंगों को बनाने की विधि और उनके उपयोग के तरीके का लाइव डेमोस्ट्रेशन दिया.
रामदेव ब्रदर्स ने आयोजित कार्यशाला में पीपल की लाख से क्रीम सन यानि मलमली अनारदाना की छवि देने वाले रंग बनाने की विधि समझाई। उन्होंने आलता यानि महावर से सुर्ख लाल रंग सहित ऐसे ही अनेक प्राकृतिक रंग बनाने की विधि समझाई.
उन्होंने कहा कि स्टोन कलर को केवल पीसना ही काफी नहीं होता, रंग को पीसने के बाद उसे छानने और नितारने के बाद ही वो उपयोग के योग्य होता है। उन्होंने इस प्रक्रिया का लाइव डेमोस्ट्रेशन भी दिया.
समारोह संयोजक रामू रामदेव ने बताया कि समारोह के दौरान यहां आए 25 वरिष्ठ और युवा कलाकारों ने अपने अपने सृजन को पूर्ण करने में दिन बिताया.